मजबूरियां
छीन लेती हैं
रास्ता चुनने का हक़
रास्ता सही हैं
या गलत हैं
कैसे होगा फैसला
अगर रास्ता बस हो
एक ही
चलना ही नियति हैं शायद
चुनना नहीं
मंजिल कैसे फिर पता होगी
छीन लेती हैं
रास्ता चुनने का हक़
रास्ता सही हैं
या गलत हैं
कैसे होगा फैसला
अगर रास्ता बस हो
एक ही
चलना ही नियति हैं शायद
चुनना नहीं
मंजिल कैसे फिर पता होगी
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