एहसासों की सड़क पर
रिश्तो के कारवां
उम्मीदों के सहारे
बढ़ते जाते हैं
जिस दिन एहसास शून्य होजाते हैं
सुनसान राहें जिन्दगी की हो जाती हैं
ना उम्मीदी दबे पाँव आकर
उम्मीदों पर हावी हो जाती हैं
रिश्तो के कारवां
उम्मीदों के सहारे
बढ़ते जाते हैं
जिस दिन एहसास शून्य होजाते हैं
सुनसान राहें जिन्दगी की हो जाती हैं
ना उम्मीदी दबे पाँव आकर
उम्मीदों पर हावी हो जाती हैं
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